Jun 22, 2011

६२ -मिलते ही आँखें [कवर संस्करण ]फिल्म-बाबुल


शमशाद बेग़म और तलत महमूद जी  का गाया हुआ एक  गीत "मिलते ही आँखें दिल हुआ दीवाना किसी का''जिसेफिल्म बाबुल [1950] के लिए  गीतकार शकील  बदायुनी ने लिखा और नौशाद साहब ने संगीतबद्ध किया था.
दिलीप कुमार और मुनव्वर सुल्ताना पर फिल्माया गया यह गीत बहुत ही लोकप्रिय गीत रहा है .
दिलीप  कवठेकर जी ने गीत कोई डेढ़ साल पहले गाने के लिए तय किया  था .उन्होंने   अपने स्वर ट्रेक के साथ मुझे इमेल से भेज दिए थे..मैं ने भी अपना  हिस्सा गा दिया था लेकिन उस के बाद  मेरा लेपटोप क्रेश हुआ तो सारी फाइलें मिस हो गयीं,आज इत्तेफाक से ड्राफ्ट में में  सेव किये हुए स्वर और ट्रेक मिल गए तो मैंने उन्हें मिक्स किया है .उम्मीद है ,मिक्सिंग ठीक हो सकी होगी.
दिलीप जी  ने इस गीत को अपना स्वर  दिया,उनका बहुत बहुत शुक्रिया और आभार.
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My Other duets With Versatile singer  Dilip ji-
Kashti ka khaamosh safar hai[Kishore Kumar-Sudha]
Mera Pyar bhi tu [Mukesh and Suman Kalyanpur]
Dil ki nazar se [Mukesh and Lata]

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Jun 15, 2011

६१-आगे भी जाने न तू ....[बिना संगीत]











Movie : WAQT
Original Singer-: ASHA BHOSLE
Music Director: Ravi
Lyrics:Sahir Ludiyanvi

आगे भी जाने न तू,पीछे भी जाने न तू
जो भी है बस यही एक पल है ...
--बिना संगीत ..केवल स्वर ..अल्पना





समय चक्र

मैं अपने समय चक्र का एक हिस्सा हूँ ,

तुम अपने समय चक्र का एक हिस्सा हो,

कब तक, कौन ,कहाँ तक चल पाता है ?

ये तो बस वक़्त के दफ्तर* में दर्ज़ होता है.

वक़्त का पहिया जहाँ जब भी रुकता है,

ये जिस्म वहीँ उसी पल में सर्द होता है.
--------------**अल्पना **----------------

[दफ्तर का अर्थ —बही-खाता/रजिस्टर]
वक़्त कब किस का हुआ?

Jun 9, 2011

६०-आ जा रे प्यार पुकारे [केवल स्वर]

आज रे प्यार पुकारे नैना तो रो रो हारे,
कोई न जाने दर्द मेरा,

१-लुटा दे के सहारा तेरे प्यार ने ,
ओ बैरी हमको तो मारा तेरे प्यार ने ,
तेरी याद तो हमको रुलाये रे,
रहा भि न जाए रे....आजा रे...

२-चंदा बिछड न जाए तेरी चांदनी ,
आजा तुझको पुकारे तेरी चाँदनी,
अब आवाज़ दो दिल घबराए रे,
कहा भी न जाए रे...
आजा रे....

फिल्म-दिल ने फिर याद किया
संगीतकार - सोनिक ओमी

ट्रेक के साथ गाने के लिए समय नहीं मिल पा रहा .
कोई गाना ट्रैक के साथ रिकॉर्ड किये एक साल हो चुका है.अंतिम गीत पिछले साल जून में रिकॉर्ड किया  वह ' ओ सजना बरखा बाहर आई ' था.
एक लंबा अंतराल होने के कारण अब मित्रों के अनुरोध पर मैं ने यह गीत बिना संगीत के ही प्रस्तुत किया है.[सिंगल टेक रिकॉर्डिंग आप के समक्ष है] .
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उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे,
मुझे रोक रोक के पूछा तेरा हमसफर कहां है

- बशीर बद्र